SEBI UPI New Payment Method: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 1 नवंबर 2024 से डेट सिक्योरिटीज के पब्लिक इश्यू में निवेश के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य निवेश प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना और रिटेल निवेशकों को डेट सेगमेंट में आकर्षित करना है।हालांकि, UPI के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में UPI के माध्यम से लगभग 485 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी दर्ज की गई है। इन चुनौतियों के मद्देनज़र, SEBI ने UPI पेमेंट सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई उपायों पर विचार किया है इन चुनौतियों के मद्देनज़र, SEBI ने UPI पेमेंट सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई उपायों पर विचार किया है:
सेबी के द्वारा यूपीआई संबंधित नए नियम क्या बनाए गए हैं?
सुरक्षा प्रोटोकॉल का सुदृढ़ीकरण: UPI लेन-देन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) और एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान: निवेशकों को धोखाधड़ी से बचने के लिए नियमित रूप से जागरूक किया जाएगा, ताकि वे संदिग्ध गतिविधियों से बच सकें।
संदिग्ध लेन-देन की निगरानी: UPI लेन-देन की निगरानी को सख्त किया जाएगा, ताकि किसी भी अनधिकृत या संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता पता चल सके।
सहयोगात्मक प्रयास: SEBI, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर UPI पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा।
इन उपायों के माध्यम से, SEBI का लक्ष्य UPI पेमेंट सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाना है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
सेबी के द्वारा निवेशकों को क्या सलाह दी गई है?
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे UPI के माध्यम से निवेश करते समय सतर्क रहें और केवल आधिकारिक और विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म का ही उपयोग करें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।
इस प्रकार, SEBI का नया UPI पेमेंट सिस्टम निवेश प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने का प्रयास है, लेकिन इसके साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है।