PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत योग्य किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। लेकिन इस योजना का लाभ केवल पात्र किसानों को ही मिलना चाहिए, इसलिए सरकार ने एक सख्त प्रक्रिया अपनाई है जिससे पात्र और अपात्र किसानों की पहचान की जाती है
पात्र किसानों की पहचान कैसे होती है?
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राज्य सरकारें किसानों के भूमि रिकॉर्ड (खाता संख्या, खसरा-खतौनी आदि) का डिजिटल सत्यापन करती हैं। जिनके पास कृषि योग्य भूमि होती है, वे पात्र माने जाते हैं।
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किसानों का आधार कार्ड और बैंक खाता योजना से लिंक होना जरूरी (PM Kisan Yojana) होता है। आधार से ई-केवाईसी प्रक्रिया के जरिए किसान की पहचान पक्की की जाती है।
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ग्राम पंचायत, तहसील स्तर पर पटवारी या कृषि अधिकारी पात्र किसानों की सूची तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजते हैं।
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राज्य सरकार द्वारा भेजे गए नामों का डेटा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, जहां केंद्र सरकार अंतिम मंजूरी देती है।
अपात्र किसानों की पहचान कैसे होती है?
PM Kisan Yojana अंतर्गत कुछ नियम बनाए गए हैं
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केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी या 10,000 रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले व्यक्ति अपात्र हैं।
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जिन किसानों ने किसी भी वित्तीय वर्ष में आयकर भरा हो, वे योजना के लिए पात्र नहीं होते।
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अगर भूमि किसी संस्थान के नाम है, न कि व्यक्ति विशेष के नाम, तो ऐसे मामलों में किसान अपात्र माना जाता है।
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डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि पेशेवर यदि खेती करते हुए भी आय अर्जित कर रहे हैं, तो वे इस योजना से बाहर रखे जाते हैं।
अपात्र किसानों से राशि की वसूली
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जितनी भी किस्तें किसान को गलत तरीके से मिली हैं, उतनी राशि सरकार वापस वसूलती है। इसके (PM Kisan Yojana) लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है जहां किसान स्वेच्छा से पैसा वापस कर सकते हैं।
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राज्य स्तर पर गठित जांच समिति अपात्र किसानों की जांच करती है और उन्हें नोटिस जारी किए जाते हैं।
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अगर कोई किसान जानबूझकर धोखाधड़ी करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किया जा सकता है।