LLM Course kitne saal ka hota hai: यदि आप कानून के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और वकील या जज जैसे पद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इससे संबंधित कोर्स करना होगा इसके लिए आप LLM कोर्स कर सकते हैं
- LLM का फुल फॉर्म क्या है?
- LLM कोर्स कितने साल का होता है?
- LLM कोर्स क्या है?
- LLM कोर्स के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
- लॉ में स्पेशलाइजेशन क्या होता है?
- LLM कोर्स की फीस कितनी होती है?
- LLM कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटी कौन सी है?
- LLM कोर्स का सिलेबस क्या होता है?
- LLM कोर्स करने के बाद करियर विकल्प कौन से हैं?
- LLM कोर्स के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको LLM कोर्स से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए आर्टिकल LLM Course kitne saal ka hota hai को अंत तक जरूर पढ़ें.
LLM का फुल फॉर्म क्या है?
LLM का फुल फॉर्म Master of Legislative Law (मास्टर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ) होता है यह कानून में परास्नातक डिग्री होती है.
LLM कोर्स कितने साल का होता है?
LLM कोर्स 2 साल का होता है इसमें 4 सेमेस्टर होते है प्रत्येक सेमेस्टर 6 महीने का होता है.
LLM कोर्स क्या है?
LLM कोर्स में विद्यार्थियों को कानून से संबंधित ज्ञान प्रदान किया जाता है इसमें कानून के सिद्धांतों, कानूनी प्रक्रियाओं, कानूनी प्रणाली और कानूनी अनुसंधान के बारे में गहराई अध्ययन कराया जाता है LLM कोर्स को LLB कोर्स के बाद किया जाता है.
इस कोर्स में स्टूडेंट को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाता है और कानून के क्षेत्र में एक्सपर्ट बनाया जाता है जिसके बाद आप कानूनी सलाहकार, वकील, न्यायिक अधिकारी, जज आदि पदों पर कैरियर बना सकते हैं.
LLM कोर्स के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
LLM कोर्स के लिए विद्यार्थी के पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए.
- LLM कोर्स को करने के इच्छुक विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा के बाद कानूनी शिक्षा में ग्रेजुएशन (LLB) की डिग्री प्राप्त करनी होगी और अच्छे मार्क्स लाने होंगे.
- LLM कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी जिसके आधार पर पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलेगा.
- भारत में ज्यादातर शिक्षण संस्थानों में LLM करने के लिए स्टूडेंट्स की अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष होनी चाहिए.
- स्टूडेंट भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए.
लॉ में स्पेशलाइजेशन क्या होता है?
लॉ की पढाई में किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करने से आप उस क्षेत्र में महारथ हासिल कर लेते है जिससे उस विषय से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या को बहुत ही आसानी से ख़त्म कर सकते है और अपने क्लाइंट को संतुष्ट कर सकते है.
- टैक्स लॉ
- एनवायर्नमेंटल लॉ
- साइबर लॉ
- ह्यूमन राइट्स एंड इंटरनेशनल लॉ
- फैमिली लॉ
- लीगल राइटिंग
- पेटेंट अटॉर्नी
- एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ
- बैंकिंग लॉ
- इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी
- क्रिमिनल लॉ
- लीगल मेथड्स
- लॉ ऑफ़ एविडेंस
- प्ली फॉर ट्रायल
- ज्यूरिस्प्रूडेंस
- कॉन्ट्रैक्ट्स
LLM कोर्स की फीस कितनी होती है?
LLM कोर्स की फीस आपके द्वारा चुने गए शिक्षण संस्थान पर निर्भर करती है क्योंकि प्रत्येक शिक्षण संस्थान में अलग अलग फीस पड़ती है यदि आप प्रवेश परीक्षा पास करके किसी सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेते है तो आपको कम फीस देनी होगी लेकिन यदि आप प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेते है तो आपको ज्यादा फीस का भुगतान करना पड़ेगा.
किंतु LLM कोर्स की औसतन फीस लगभग ₹50,000 से ₹3,00,000 प्रतिवर्ष तक हो सकती है आपको अपने चुने हुए कॉलेज कैंपस जाकर फीस से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी होगी.
LLM कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटी कौन सी है?
आप निम्नलिखित यूनिवर्सिटी से LLM का कोर्स कर सकते हैं.
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची
- नलसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद, हैदराबाद
- जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
- फैकल्टी ऑफ लॉ यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद, इलाहाबाद
- गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गाँधी नगर
- चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ
- ओडिशा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर
- कलिंगा यूनिवर्सिटी ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, ओडिशा
- डॉक्टर राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
LLM कोर्स का सिलेबस क्या होता है?
LLM कोर्स 2 वर्ष का होता है जिसमें 4 सेमेस्टर होते हैं हम आपको चारो सेमेस्टर का सिलेबस बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार है-
फर्स्ट सेमेस्टर
- न्याय शास्त्र
- संविधानवाद
- व्यावहारिक प्रशिक्षण
- भारत में कानून और सामाजिक परिवर्तन
- कानूनी अनुसंधान और कार्यप्रणाली-l
सेकेंड सेमेस्टर
- अपराध का कानून
- वित्त कानून
- कानून और प्रौद्योगिकी
- प्रशासनिक कानून
- विशेषज्ञता ऐच्छिक-l
- कानूनी अनुसंधान और कार्यप्रणाली-ll
थर्ड सेमेस्टर
- संचार मीडिया कानून
- सार्वजनिक उपयोगिता कानून
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून
- विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग विचलन
- विशेषज्ञता ऐच्छिक-ll
फोर्थ सेमेस्टर
- निबंध
- कार्यक्षेत्र
- रिपोर्ट कार्य और प्रशासन
- विशेषज्ञता ऐच्छिक-lll
- विशेषज्ञता ऐच्छिक-lv
LLM कोर्स करने के बाद करियर विकल्प कौन से हैं?
- भारतीय पुलिस सेवा
- भारतीय जन सेवा
- न्यायिक सेवा
- न्यायिक सलाहकार
- विश्वविद्यालयों में कानूनी अध्यापक
- न्यायाधीश
- सिविल सेवा
- सीनियर वकील
- वकील
- मीडिया में जॉब
- कम्यूनिकेशन इंडस्ट्री में जॉब
- बैंकिंग और फाइनैंस में जॉब
- सलाहकार
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LLM कोर्स के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
LLM कोर्स करने के बाद आपकी सैलरी आपके कार्य क्षेत्र, अनुभव, पोस्ट आदि पर निर्भर करती है LLM कोर्स के बाद आपको लगभग 40 ह़जार रुपए से ₹50,000 तक प्रतिमाह की नौकरी मिल सकती है.
यदि आप एक जज के रूप में नियुक्त होते हैं तो आपको ₹60,000 से लेकर ₹1,00,000 प्रतिमाह तक वेतन मिल सकता है जैसे जैसे आपके अनुभव और कार्य कुशलता में सुधार होगा वैसे वैसे आपकी सैलरी भी बढ़ेगी जिसके बाद आप इससे ज्यादा भी कमा सकेंगे.
उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आज का आर्टिकल LLM Course kitne saal ka hota hai पसंद आया होगा यदि आप ऐसे ही किसी अन्य विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें कमेंट कर सकते हैं.



