Pran vayu Devta Yojana: हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और वृद्धावस्था में पेड़ों की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत, 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेड़ों की देखभाल करने वालों को वार्षिक पेंशन प्रदान की जाती है।
योजना का उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य वृद्धावस्था में पेड़ों की देखभाल को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना है। यह पहल पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देती है, जिससे हरियाली बढ़ती है और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
पेंशन राशि:
प्रारंभ में, 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेड़ों के लिए 2,500 रुपये वार्षिक पेंशन निर्धारित की गई थी। अब, यह राशि बढ़ाकर 2,750 रुपये वार्षिक कर दी गई है।
पेंशन का लाभ कौन ले सकता है:
जमीन मालिक: यदि पेड़ निजी भूमि पर स्थित है, तो पेंशन राशि सीधे भूमि मालिक के खाते में जमा की जाएगी।
पंचायती भूमि: यदि पेड़ पंचायती भूमि पर है, तो पेंशन राशि संबंधित पंचायत को दी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया:
आवेदन पत्र प्राप्त करें: अपने नज़दीकी वन विभाग कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करें।
आवेदन पत्र भरें: आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरें और आवश्यक जानकारी प्रदान करें।
दस्तावेज़ संलग्न करें: आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न करें:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
आवेदन जमा करें: सभी दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र संबंधित वन विभाग कार्यालय में जमा करें।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
महत्वपूर्ण बिंदु:
- गिरे हुए, खोखले, मृत, सुखे या रोगग्रस्त पेड़ों के लिए पेंशन नहीं दी जाएगी।
- केवल वे पेड़ पात्र हैं जो स्वस्थ हैं और जिनकी देखभाल की जा रही है।
- आवेदन प्रक्रिया में सत्यापन के बाद ही पेंशन स्वीकृत की जाएगी।
‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल वृद्धावस्था में पेड़ों की देखभाल सुनिश्चित करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है। इस योजना के माध्यम से, लोग अपने आसपास के पेड़ों की देखभाल करके पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं और साथ ही आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए, संबंधित वन विभाग कार्यालय से संपर्क करें।