UP Government Nandani Krishak Samridhi Yojana 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य स्वदेशी गायों की मिनी गोशालाओं की स्थापना के माध्यम से दूध उत्पादन में वृद्धि करना है। इसलिए आज के आर्टिकल में हम आपको नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे चलिए जानते हैं
योजना की मुख्य विशेषताएँ
स्वदेशी गायों की नस्लें: इस योजना के तहत साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी जैसी स्वदेशी गायों का पालन किया जाएगा। इन नस्लों का दूध उत्पादन अधिक होता है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
गोशाला की स्थापना: किसान 25 गायों की एक इकाई स्थापित कर सकते हैं, जिसकी कुल लागत ₹62.5 लाख है। इसमें 50% यानी ₹31.25 लाख की सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। बैंक लोन के माध्यम से शेष 35% राशि उपलब्ध होगी।
मिनी योजना: यदि किसान 10 गायों की मिनी गोशाला स्थापित करना चाहते हैं, तो कुल लागत ₹23.6 लाख होगी। इसमें अधिकतम ₹11.8 लाख की सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के लिए कम से कम 1 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया:
पात्रता: उत्तर प्रदेश के सभी किसान और महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं। आवेदक के पास बैंक खाता होना अनिवार्य है।
आवेदन प्रक्रिया: आवेदन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय, विकास भवन से किया जा सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित की गई है। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने कामधेनु योजना का लाभ नहीं लिया है।
लाभ:
आय में वृद्धि: स्वदेशी गायों का दूध अधिक पौष्टिक होता है, जिससे बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है। किसान दूध, दही, घी, पनीर आदि उत्पादों के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
जैविक खाद और गोबर गैस: गाय के गोबर से जैविक खाद और गोबर गैस संयंत्र स्थापित कर किसान अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं।
सरकारी सहायता और प्रशिक्षण: किसानों को पशुपालन, गोशाला प्रबंधन और डेयरी उद्योग से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
निष्कर्ष:
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना उत्तर प्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इस योजना के माध्यम से वे कम निवेश में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं। अधिक जानकारी और आवेदन के लिए संबंधित कार्यालयों से संपर्क करें।