Kisan Credit Card (KCC): नॉर्मल क्रेडिट कार्ड से कितना अलग है किसानों को मिलने वाला क्रेडिट कार्ड, इतनी लगती है पैनल्टी

Vinod Paul
3 Min Read
Kisan Credit Card (KCC)

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भारतीय किसानों को उनकी कृषि आवश्यकताओं के लिए सस्ता और सुलभ क्रेडिट प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक विशेष वित्तीय साधन है। यह पारंपरिक क्रेडिट कार्ड से कई मायनों में अलग होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह किस तरह से भिन्न है और इसमें पेनल्टी से संबंधित क्या नियम हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) क्या है?

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भारत सरकार द्वारा किसानों को किफायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई एक विशेष योजना है। इस कार्ड के जरिए किसान अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण ले सकते हैं। यह योजना 1998 में NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के सहयोग से शुरू की गई थी।

सामान्य क्रेडिट कार्ड और किसान क्रेडिट कार्ड के बीच अंतर

विशेषता सामान्य क्रेडिट कार्ड किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
उद्देश्य व्यक्तिगत खर्च, ऑनलाइन शॉपिंग, यात्रा, आदि कृषि से जुड़ी जरूरतें, बीज, खाद, मशीनरी खरीदने के लिए
ब्याज दर 18-48% सालाना (बैंक और उपयोग के अनुसार) 4-7% सालाना (सरकार की सब्सिडी के कारण)
अधिमान्य लाभ कैशबैक, रिवॉर्ड प्वाइंट्स ब्याज में छूट, बीमा सुविधा
क्रेडिट सीमा आय और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर कृषि भूमि के क्षेत्र और उत्पादन क्षमता पर निर्भर
रिपेमेंट अवधि मासिक या वार्षिक बिलिंग फसल कटाई के अनुसार लचीली भुगतान शर्तें
डिफॉल्ट पेनल्टी अधिक ब्याज दर और लेट पेमेंट चार्ज नाममात्र पेनल्टी, लेकिन ऋण चुकाने में देरी पर अतिरिक्त ब्याज

किसान क्रेडिट कार्ड पर पेनल्टी और चार्जेज

यदि किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए ऋण को समय पर नहीं चुकाया जाता है, तो निम्नलिखित चार्ज लागू होते हैं:

अतिरिक्त ब्याज:

समय पर भुगतान न करने पर सामान्य ब्याज दर से 2-3% अतिरिक्त ब्याज लिया जाता है।

यदि किसान समय पर चुकौती कर देते हैं, तो सरकार 3% तक की ब्याज सब्सिडी देती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर कम हो जाती है।

पेनल्टी शुल्क:

डिफॉल्ट करने पर बैंक पेनल्टी के रूप में 2% तक अतिरिक्त ब्याज जोड़ सकता है।

यदि लगातार दो-तीन सीजन तक ऋण नहीं चुकाया गया, तो किसान का नाम डिफॉल्टर की सूची में आ सकता है और अगला ऋण मिलना मुश्किल हो सकता है।

क्रेडिट स्कोर पर असर:

लगातार डिफॉल्ट करने से किसान का CIBIL स्कोर खराब हो सकता है, जिससे भविष्य में कोई अन्य लोन लेना कठिन हो सकता है।

Read Also: PM Vishwakarma Yojana 2025: कारीगरों को मिलेगा ₹2 लाख तक का लोन, जानें कैसे करें

वसूली कार्रवाई:

यदि किसान बार-बार भुगतान करने में विफल रहता है, तो बैंक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जिसमें ऋण की जब्ती की संभावना रहती है।

Follow:
Vinod Paul is a writer on the website www.lkonews24.com, where he writes articles related to government schemes, admit cards, results. He is a resident of Siwan district of Bihar. He has more than 3 years of experience in writing articles on jobs and government schemes. He has written articles related to government schemes on many websites. Apart from being a writer, Vinod Pal also works on YouTube. He shares information related to jobs and government schemes from his experience on www.lkonews24.com. In case of any complain or feedback, please contact me: contactdkweb@gmail.com
Leave a Comment