अगर आप प्राइमरी लेवल के टीचर बनकर बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं तो आपको D.El.Ed Course करना होगा इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइवेट से लेकर गवर्नमेंट जॉब तक पाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं आज के इस आर्टिकल में हम आपको इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए आर्टिकल “D.El.Ed Course क्या होता है?” को अंत तक जरूर पढ़ें.
- D.El.Ed का फुल फॉर्म क्या होता है?
- D.El.Ed कोर्स कितने साल का होता है?
- D.El.Ed कोर्स क्या है?
- D.El.Ed कोर्स करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
- D.El.Ed कोर्स फीस कितनी होती है?
- D.El.Ed कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम पैटर्न क्या है?
- D.El.Ed कोर्स के बाद नौकरी के लिए क्या स्कोप है?
- D.El.Ed कोर्स करने के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
D.El.Ed का फुल फॉर्म क्या होता है?
D.El.Ed का फुल फॉर्म Diploma in Elementary Education (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) होता है जिसे हिंदी में प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा कहते है.
D.El.Ed कोर्स कितने साल का होता है?
D.El.Ed Course 2 साल का होता है जो शिक्षक बनने के लिए 12th के बाद किया जाता है.
D.El.Ed कोर्स क्या है?
टीचिंग सिर्फ एक नौकरी नहीं है बल्कि एक ऐसा दायित्व है जो किसी भी देश का फ्यूचर तय करता है अर्थात एक टीचर के हाथों में देश का भविष्य होता है बड़े स्टूडेंट्स को पढ़ाना फिर भी आसान है लेकिन छोटे छोटे बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल है.
इसके लिए टीचर को ट्रेनिंग लेनी पड़ती है जोकि आपको D.El.Ed कोर्स के दौरान दिया जाता है इस कोर्स के दौरान छोटे छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाना है सिखाया जाता है सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाता है.
D.El.Ed कोर्स करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
- El.Ed कोर्स करने के लिए कैंडिडेट्स का 12th पास होना जरूरी है.
- इसमे जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए ट्वेल्व्थ में 50% मार्क्स और रिजर्वेशन कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए 45% मार्क्स होने आवश्यक है.
- उत्तर प्रदेश में El.Ed कोर्स करने के लिए उम्मीदवार का ग्रैजुएट होना जरूरी है ग्रैजुएशन में 50% मार्क्स होने चाहिए.
- El.Ed कोर्स करने के लिए उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- लेकिन किसी किसी राज्य में स्टूडेंट्स की मिनिमम उम्र 17 वर्ष और मैक्सिमम उम्र की कोई बाध्यता नहीं है.
D.El.Ed कोर्स फीस कितनी होती है?
D.El.Ed कोर्स प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों इन्स्टिट्यूट द्वारा करवाया जाता है हालांकि प्राइवेट के मुकाबले सरकारी संस्था से इस कोर्स को करना काफी अफोर्डेबल होता है.
सरकारी कॉलेज में D.El.Ed कोर्स की मिनिमम फीस ₹10,000 तक हो सकती है जबकि प्राइवेट कॉलेज में इसके लिए ₹40,000 तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है.
D.El.Ed कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम पैटर्न क्या है?
D.El.Ed कोर्स के लिए एग्जाम पैटर्न अलग अलग राज्यों में अलग अलग है कहीं 10th और 12th की मेरिट के आधार पर सीधा काउंसलिंग होती है और ऐडमिशन मिल जाता है तो कई राज्य ऐसे हैं जहाँ इसके लिए इंट्रेस्ट देना होता है.
D.El.Ed कोर्स के बाद नौकरी के लिए क्या स्कोप है?
D.El.Ed एक ऐसा कोर्स है जिसमें ऐसे बच्चों को पढ़ाने के बारे में सिखाया जाता है जिन्हें कुछ भी ज्ञान नहीं होता है क्योकि छोटे बच्चों को उन्हीं की भाषा में बढ़ाना होता है जिससे वो आपसे डरे नहीं बल्कि आपके साथ घुल मिल जाए.
इसलिए D.El.Ed कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स की मांग प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों सेक्टर में है D.El.Ed कोर्स करने के बाद आपको प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों ही क्षेत्र में जॉब की अपार सम्भावनाएं हैं.
Read also: Airforce me kaise jaye:
D.El.Ed कोर्स करने के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
D.El.Ed कोर्स करने के बाद सैलरी आपके अनुभव, संस्थान, स्थान, निजी और सार्वजनिक सेक्टर आदि पर निर्भर करती है लेकिन शुरुआत में आपको 15,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक सैलरी मिल सकती है.
उम्मीद है कि आपको आज का हमारा आर्टिकल “D.El.Ed Course क्या होता है?” पसंद आया होगा यदि आप ऐसे ही किसी अन्य विषय के बारे में जानना चाहते है तो हमें कमेन्ट कर सकते है.



