वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में भारतीय नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनसे उनके जीवन स्तर में सुधार और वित्तीय राहत मिलने की संभावना है। इस बजट में आयकर छूट से लेकर नई योजनाओं तक, लगभग हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ ऐलान किया गया है। खासकर मध्यवर्गीय परिवारों के लिए टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाने और विभिन्न कर राहतों का ऐलान किया गया, जिससे यह बजट भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है।
आयकर छूट
निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में आयकर व्यवस्था महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उन्होंने नई आयकर व्यवस्था को सरल बनाने और करदाताओं को अधिक राहत देने के लिए कदम उठाए हैं। एक बड़ी घोषणा के तहत, अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे उन लोगों को लाभ मिलेगा जिनकी वार्षिक आय ₹12 लाख तक है।
इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठाता है (जो ₹75,000 तक हो सकता है), तो यह सीमा बढ़कर ₹12.75 लाख तक हो जाएगी। इस कदम से लाखों करदाताओं को कर राहत मिलेगी, और यह कदम विशेष रूप से मध्यवर्गीय और निम्न-मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए लाभकारी है।
सीनियर सिटीजन के लिए विशेष राहत
वृद्ध नागरिकों को राहत देने के लिए वित्तमंत्री ने घोषणा की कि 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए अब ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया गया है। इसका उद्देश्य सीनियर सिटीजन को अपनी पेंशन और अन्य आय पर टैक्स से बचाव प्रदान करना है, जिससे वे अपनी जीवनशैली को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें।
रिटर्न भरने की अवधि में विस्तार
आयकर रिटर्न भरने की अवधि को भी बढ़ाया गया है। अब करदाता आकलन वर्ष में अपने रिटर्न को 4 साल तक भर सकेंगे, जो पहले 2 साल था। इससे करदाताओं को अतिरिक्त समय मिलेगा और किसी भी गलती या चूक को सुधारने का अवसर मिलेगा। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो पहले कर रिटर्न भरने में किसी कारणवश देर कर देते थे।