Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवार प्रशांत कुमार की ऊँचाई का दोबारा हम आपने का आदेश दिया गया है. जी हाँ याचिकाकर्ता को दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF) में सब इंस्पेक्टर पद के लिए योग्य घोषित कर दिया गया था, लेकिन अब न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश (Delhi High Court) फिर से सुनाया है.
कोर्ट द्वारा ये ऐलान किया गया कि ऊँचाई का पुनर्मापन सफदरगंज अस्पताल में 27 मार्च 2025 को सुबह 11:00 बजे किया जाएगा, तो चलिए इससे (Delhi High Court) संबंधित सभी डिटेल्स जान लेते हैं-
तीन प्रतियोगी परीक्षा में ऊँचाई माप में हुई गलती
प्रशांत कुमार द्वारा की गई याचिका में 24 अक्टूबर 2024 को हुए शारीरिक मानक परीक्षण के रिज़ल्ट पर आपत्ति जताई गई थी. इस परीक्षण में उनकी ऊँचाई 169.5 cm मापी गई थी, जो परीक्षा (Delhi High Court) के लिए निर्धारित मानक सो 70 cm से 0.5 cm कम मानी गई थी और इसके आधार पर उन्हें अयोग्य भी घोषित कर दिया गया था. हालांकि प्रशांत कुमार का कहना है कि 2020, 2022 और 2023 की चयन प्रक्रिया में उनकी ऊँचाई 147 cm या उससे ज्यादा माफी गई थी और उन्हें योग्य घोषित किया गया था.
27 मार्च को होगा पुनर्मापन
वकीलों द्वारा कहा गया है कि इस साल जारी की गई रिपोर्ट में गलती हो सकती है वकील ने दलील की कि याचिका में देरी हुई है और लिखित परीक्षा की पूरी हो चुकी है, इसीलिए राहत नहीं दी जानी चाहिए. कोर्ट द्वारा इस चुनौती को खारिज करते हुए कहा गया है कि पांच महीने की देरी कोई बड़ी बात नहीं है, खासकर तब जब कोई व्यक्ति अपने कानूनी लड़ाई लड़ रहा हो.
कोर्ट ने ये भी स्वीकार किया कि याचिकाकर्ता की ऊँचाई मापक के अनुसार थी, जिससे इस साल की रिपोर्ट (Delhi High Court) में गलती की गुंजाइश है. इसके अलावा ये भी सुनिश्चित किया गया कि छोटी सी गलती के कारण किसी का भी करियर प्रभावित न हो, इसलिए 27 मार्च 2025 को पुनर्मापन के बाद ही फाइनल निर्णय लिया जाएगा.
कोर्ट ने जारी किए ये आदेश
- याचिकाकर्ता प्रशांत कुमार की ऊँचाई का पुनर्मापन सफदरगंज अस्पताल में 27 मार्च 2025 को किया जाएगा.
- अगर उनकी ऊँचाई 170 सेंटीमीटर होती है तो ऐसे में उन्हें पद के लिए योग्य घोषित किया जाएगा.
- हालांकि इसकी लिखित परीक्षा पूरी हो चुकी है और अगले बैच के साथ परीक्षा देने का अवसर भी दिया जाएगा और जरूरत होगी तो आयुसीमा में छूट भी मिलेगी.
- याचिकाकर्ता के सफल होने पर उसे अगले बैच के साथ नौकरी दी जाएगी.