April New Rules: 1 अप्रैल 2025 से भारत में कई महत्वपूर्ण नियम लागू होने जा रहे हैं, जो आम नागरिकों को कई प्रकार से प्रभावित करेंगे इसका असर उनके जीवन में और आर्थिक रूप से भी पड़ेगा उन सभी बदलाव के बारे में हम नीचे आपको आर्टिकल में चर्चा करेंगे चलिए जानते हैं
1. जीएसटी में मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA):
1 अप्रैल 2025 से, जीएसटी पोर्टल पर सभी पंजीकृत करदाताओं के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होगा। ताकि पोर्टल को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके, इसका (April New Rules) प्रमुख मकसद धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकना है
2. ई-वे बिल संबंधित नियम में बदलाव किया
₹10 करोड़ से अधिक टर्नओवर बिजनेसमैन को 30 दिनों के भीतर अपना इनवॉइस से विवरण पंजीकरण करवाना होगा अगर वैसा नहीं करते हैं तो उनका इनवॉइस रद्द कर दिया जाएगा।
3. होटल और रेस्टोरेंट सर्विस पर जीएसटी बढ़ाया जाएगा
यदि होटल 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेते हैं, इस प्रकार का नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा जिसके कारण खाना रेस्टोरेंट में खाना महंगा हो जाएगा
4. पुरानी और इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी दर में वृद्धि:
1 अप्रैल 2025 से, पुरानी और इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% की जाएगी। इस नियम (April New Rules) को अब सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने पर भी लागू किया जाएगा यानी अगर आप कोई भी सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने हैं तो वहां पर आपको 18% का जीएसटी देना होगा
5. बैंकिंग नियमों में बदलाव:
1 मार्च 2025 से बैंकिंग क्षेत्र में कई प्रकार के बदलाव (April New Rules) किए गए हैं जिसका सीधा असर कई प्रकार के बैंकों में पड़ेगा इस बदलाव के अंतर्गत केवाईसी अपडेशन बैंक में बैलेंस रखने का मिनिमम लिमिट यूपीआई लेनदेन की सीमा कई प्रकार की चीज इसके अंतर्गत आएंगे
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UPI मोबाइल नंबर अपडेटेशन:
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत, बैंक उन मोबाइल नंबरों को नियमित रूप से हटाएंगे, जो बंद हो चुके हैं या किसी और को जारी कर दिए गए हैं। इस कदम का मकसद गलत ट्रांजेक्शन को रोकना और UPI ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाना है। UPI ऐप्स अब नंबर अपडेट करने के लिए आपकी सहमति लेंगे।
इन बदलावों (April New Rules) का उद्देश्य वित्तीय लेन-देन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना है। आम आदमी को इन नए नियमों के प्रति जागरूक रहकर अपनी वित्तीय गतिविधियों की योजना बनानी चाहिए, ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।